इस दीर्घा में भगवान बुद्ध के जीवन की कहानी दर्शाती मूर्तियाँ और उनकी छवियों को दर्शाया गया हैं। दीर्घा में गांधार कला विद्यालय की शैली में बने बोड्डिसत्त्व और मैत्रेय को भी प्रदर्शित किया गया है। यह कला शैली दूसरी शताब्दी ईस्वी में पनपी और इसमें ग्रीको-रोमन संस्कृति का प्रभाव नज़र आता है। यह कलाकृतियाँ अफगानिस्तान क्षेत्र में मर्दन और लोरियन तांगइ जैसी जगहों से खुदाई से प्राप्त की गई थीं।
गांधार दीर्घा